भारतीय वित्तीय बाजार के इतिहास में आज एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। जहाँ एक ओर संसद में बीमा क्षेत्र में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के बिल पर चर्चा गर्म है, वहीं दूसरी ओर देश के नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) सेक्टर में अब तक का सबसे बड़ा निवेश होने जा रहा है।
जापान की दिग्गज कंपनी मित्सुबिशी यूएफजी फाइनेंशियल ग्रुप (MUFG) भारत की दूसरी सबसे बड़ी एनबीएफसी, श्रीराम फाइनेंस में 20 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी में है। यह सौदा लगभग 4.45 अरब डॉलर (करीब 40,000 करोड़ रुपए से ज्यादा) का बताया जा रहा है।
एनबीएफसी सेक्टर का ऐतिहासिक सौदा
श्रीराम फाइनेंस के बोर्ड की आज होने वाली बैठक में इस मेगा डील को अंतिम मंजूरी मिल सकती है। यदि यह सौदा संपन्न होता है, तो यह भारतीय शैडो बैंकिंग क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश होगा।
डील की मुख्य बातें:
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प्राइमरी कैपिटल: एमयूएफजी यह पूरा निवेश प्राइमरी कैपिटल के रूप में करेगा, यानी यह पैसा सीधे कंपनी के पास जाएगा और इसका उपयोग विस्तार के लिए किया जाएगा।
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वैल्यूएशन: जापानी बैंक करीब 842 रुपए प्रति शेयर के भाव पर यह निवेश कर सकता है।
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बोर्ड में जगह: निवेश के बाद एमयूएफजी को श्रीराम फाइनेंस के बोर्ड में दो सीटें मिलने की संभावना है।
बाजार में श्रीराम फाइनेंस का बढ़ता कद
इस डील की चर्चा शुरू होने के बाद से श्रीराम फाइनेंस के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखा गया है। पिछले कुछ समय में शेयर की कीमत में 42 फीसदी तक की तेजी आई है।
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मार्केट कैप: इस निवेश के बाद कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 1.63 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा।
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तुलना: यह मार्केट कैप बजाज फाइनेंस के बाद एनबीएफसी सेक्टर में दूसरे स्थान पर है और यस बैंक, आरबीएल और इंडसइंड बैंक जैसे कई निजी बैंकों के मार्केट कैप से भी कहीं अधिक है।
शेयरहोल्डिंग में बदलाव
निवेश के बाद श्रीराम फाइनेंस के मौजूदा शेयरहोल्डिंग पैटर्न में बदलाव आएगा:
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प्रमोटर हिस्सेदारी: श्रीराम ओनरशिप ट्रस्ट और दक्षिण अफ्रीका की 'सैनलाम' की संयुक्त हिस्सेदारी 25.39% से घटकर 20.05% रह जाएगी।
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अन्य बड़े निवेशक: सिंगापुर सरकार (4.73%), कोटक महिंद्रा एमएफ (2.09%) और फिडेलिटी जैसे बड़े संस्थान भी कंपनी में हिस्सेदार बने रहेंगे।
जापानी निवेश का बढ़ता रुझान
एमयूएफजी का यह कदम भारत के प्रति जापानी वित्तीय संस्थानों के बढ़ते भरोसे को दर्शाता है। हाल ही में मिज़ुहो (Mizuho) ने एवेंडस के अधिग्रहण और दाइवा द्वारा एम्बिट में निवेश की घोषणा की है। एमयूएफजी ने इससे पहले एचडीएफसी बैंक की इकाई एचडीबी फाइनेंशियल में भी हिस्सेदारी खरीदने की कोशिश की थी, लेकिन वह सफल नहीं हो पाई थी।
आरबीआई के नियमों का फायदा: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में बैंकों को एनबीएफसी में इक्विटी हिस्सेदारी रखने की अनुमति दी है। इस नियम ने विदेशी बैंकों के लिए भारतीय एनबीएफसी मार्केट में निवेश के रास्ते खोल दिए हैं।
बेहतरीन वित्तीय प्रदर्शन
श्रीराम फाइनेंस का प्रदर्शन हालिया तिमाहियों में शानदार रहा है। दूसरी तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 11.4 फीसदी बढ़कर 2,307 करोड़ रुपए रहा। कमर्शियल व्हीकल, टू-व्हीलर और ट्रैक्टर लोन सेगमेंट में मजबूत मांग के कारण कंपनी का लोन वितरण भी 10% से ज्यादा बढ़ा है।